Friday 23 March 2012

bapu

हरी सम जग कच्छु वास्तु नहीं ,
प्रेम पंथ सम पंथ,
सदगुरु सम सज्जन नहीं,
गीता सम नहीं ग्रन्थ ......हरी ओमम्म्म्म ..हरी ओमम्म्म्म...